गुरुदेवता भजनमंजरी

भजोरॆ भय्या राम

घोषः

जानकी कांत स्मरणं जय जय राम राम

श्लोकः

आपदामपहर्तारं
दातारं सर्वसंपदाम् |
लोकाभिरामं श्रीरामं
भूयो भूयो नमाम्यहम् ||

आर्तानामार्तिहंतारं
भीतानां भीतिनाशनम् |
द्विषतां कालदंडं तं
रामचंद्रं नमाम्यहम् ||

कीर्तनम् — 5

रागः : मांड

तालः : आदि

भजोरॆ भय्या
राम गोविंद हरे
राम गोपाल हरे ||

जप तप साधन कछु नहि लागत
खरचत नहिगठरी |
भजोरॆ भय्या राम गोविंद हरे ||

संतत संपत सुखके कारण
जासे भूल भरी |
भजोरॆ भय्या राम गोविंद हरे ||

कहत कबीर जा मुखराम नहि
वा मुखधूल भरी |
भजोरॆ भय्या राम गोविंद हरे ||

नामावलिः

राम भजो रघुराम भजो
रघुराम भजो सीताराम भजो

घोषः

जानकी कांत स्मरणं जय जय राम राम