विघ्नेश्वर भगवान की जै | विद्या गणपती की जै |
गजाननं भूतगणादि सेवितं
कपित्थ जंबूफलसार भक्षितम् |
उमासुतं शोक विनाशकारणं
नमामि विघ्नेश्वर पादपंकजम् ||
रागः : कल्याणि
तालः : आदि
गाइये गणपति जगवंदन
शंकर सुवन भवानी नंदन
सिद्धि सदन गजवदन विनायक
कृपा सिंधु सुंदर सब नायक
मोदक प्रिय मुद मंगल दाता
विद्या वारिधि बुद्धि विधाता
मांगत तुलसीदास कर जोरे
बसहू रामसिय मानस मोरे
भजिसुवॆ गजमुख देवन |
अज सुर मनु मुनि वंद्यन ||
गज चर्मांबर धर सुत गणपन |
सुजनोद्धार गणेशन ||
सांब शिवन वर कंदना |
तुंबुरु नारद सेव्यना |
बॆंबिडदनुदिन भजकर करुणदि |
संभ्रमदलि पॊरॆवातन ||
दशभुज धरिसिद देवना |
पशुपति ईश कुमारना |
वसुधॆयॊळधिक कुटचाद्रि पुरदॊळु |
कुशलदि नॆलॆसिद देवना ||
हेरंब मॊरॆया सिद्धि बुद्धि रमण |
गणेश वक्रतुंड अखंड भजना ||
विघ्नेश्वर भगवान की जै | विद्या गणपती की जै |