विघ्नेश्वर भगवान की जै | विद्या गणपती की जै |
वंदे देवं विबुधविनुतं
वेदवेद्यं दयालुं
विघ्नध्वांत प्रशमनरविं
विश्ववंद्यं प्रसन्नम् |
वेतंडास्यं विदलितरिपुं
वामदेवाग्र्यसूनुं
विद्यानाथं विमलयशसं
वांछितार्थप्रदं तम् ||
रागः : सावेरी
तालः : रूपक
प्रणमामि गणेश्वरं विघ्नध्वांतदिनेश्वरम् ||
पुरारिप्रियनंदनं सुरारिदर्पदलनं
मुरारिपूजितपदं विदारितांतरायम् ||
अज्ञानमाशु विनाशयंतं
प्रज्ञां द्रुतं प्रयच्छंतं
भक्ताभीष्टप्रदातारं
भारतीतीर्थपूजितम् ||
श्री गणेशं भजरे मानस
श्री गणेशं भज भजरे |
श्री गणेशं श्री गणेशं
गणाधिनाथं भज भजरे ||
शक्तिगणपतिं भजरे मानस
विद्यागणपतिं भज भजरे |
शक्तिगणपतिं विद्यागणपतिं
गणाधिनाथं भज भजरे ||
स्तंभगणपतिं भजरे मानस
तोरणगणपतिं भजरे |
स्तंभगणपतिं तोरणगणपतिं
गणाधिनाथं भज भजरे ||
विघ्नेश्वर भगवान की जै | विद्या गणपती की जै |