विघ्नेश्वर भगवान की जै | विद्या गणपती की जै |
वक्रतुंड महाकाय
सूर्यकोटि समप्रभ |
निर्विघ्नं कुरु मे देव
सर्वकार्येषु सर्वदा ||
रागः : नाट
तालः : आदि तिस्र गति
शरणु शरणय्य शरणु बॆनक
नीडय्य बाळॆल्ल बॆळगुव बॆळक
निन्न नंबिद जनकॆ इहुदय्य ऎल्ल सुख
तंदॆ कायो नम्म करिमुख
ऎल्लरू ऒंदागि निन्न
नमिसि नलियोदु नोडोकॆ चॆन्न
गरिकॆ तंदरॆ नीनु कॊडुवॆ वरवन्न
गति नीनॆ गणपनॆ कै हिडियो मुन्न
सूर्यनॆदुरलि मंजु करगुव रीति
निन्न नॆनॆयलु ऒडनॆ ओडुवुदु भीति
नीडय्य कष्टगळ गॆल्लुव शकुति
तोरय्य नम्मलि निन्नय प्रीति
जय गणेश जय गणेश
जय गणेश पाहि मां
श्री गणेश श्री गणेश
श्री गणेश रक्ष मां
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