गुरुदेवता भजनमंजरी

जगद्गुरु शंकराचार्य की बोलो जै जैकार्

घोषः

दक्षिणाम्नाय शृंगेरि शारदापीठ जगद्गुरु महाराज की जै|शृंगेरि जगद्गुरु विद्यारण्य गुरु महाराज की जै|जगद्गुरु नृसिंहभारती गुरु महाराज की जै|जगद्गुरु श्रीसच्चिदानंद शिवाभिनवनृसिंह भारती गुरु महाराज की जै|जगद्गुरु श्रीचंद्रशेखरभारती गुरु महाराज की जै|जगद्गुरु श्री अभिनव विद्या तीर्थ गुरु महाराज की जै|जगद्गुरु श्री भारतीतीर्थ गुरु महाराज की जै|जगद्गुरु श्री विधुशेखर भारती गुरु महाराज की जै|

श्लोकः

पुंभावं समुपेयुषी भगवती
किं भारती राजते
किं वा साधनसंभृतं धृतवपु­र्ज्ञानं समिंधे परं ।
इत्युल्लिख्य सविस्मयं कृतधियो
ध्यायंति यं भारती-
तीर्थस्यास्य जगद्गुरोः कुशलदा
श्रीपादुका मे गतिः ॥

कीर्तनम् — 12

जगद्गुरु शंकराचार्य की
बोलो जै जैकार्

वंदनीय जो सबके प्यारे
पूज्य भारतीतीर्थ हमारे
वंदनीय विधुशेखरभारति
पूज्य जगद्गुरु सब के प्यारे
कृपादृष्टि से किया जिन्होने
पतितोंका उद्धार ||

शुभागमनका सुयोग आया
प्रसन्नता का वैभव छाया
आज यंहा पर् हुवा उपस्थित
भक्तोंका परिवार् ||

समारोह के शुभ अवसर् पर्
शास्त्रीपंडित गुणी मान्यवर्
परमप्रेम से करतेहै वे
भावसुमन् बौचार् ||

शृंगेरि की अपार महिमा
जंहा प्रफुल्लित ज्ञान पूर्णिमा
देवि शारदा अंबा का है
अखंड साक्षात्कार ||

समय आज का अपूर्व अभिनव्
जगद्गुरु का सत्कारोत्सव
प्रकट हुवा इस् देह रूप मे
शंकर का अवतार् ||

बस् इतनी है नम्र प्रार्थना
हम् सब् की हो सफल कामना
हे स्वामिजी करो
राष्ट्र के संकट का परिहार् ||

नामावलिः

गुरु महाराज गुरु जै जै
परब्रह्म सद्गुरु जै जै
गुरु महाराज गुरु जै जै
भारतीतीर्थ गुरु जै जै
गुरु महाराज गुरु जै जै
शृंगेरि वास गुरु जै जै
गुरु महाराज गुरु जै जै
विधुशेखरभारति गुरु जै जै

घोषः

दक्षिणाम्नाय शृंगेरि शारदापीठ जगद्गुरु महाराज की जै|शृंगेरि जगद्गुरु विद्यारण्य गुरु महाराज की जै|जगद्गुरु नृसिंहभारती गुरु महाराज की जै|जगद्गुरु श्रीसच्चिदानंद शिवाभिनवनृसिंह भारती गुरु महाराज की जै|जगद्गुरु श्रीचंद्रशेखरभारती गुरु महाराज की जै|जगद्गुरु श्री अभिनव विद्या तीर्थ गुरु महाराज की जै|जगद्गुरु श्री भारतीतीर्थ गुरु महाराज की जै|जगद्गुरु श्री विधुशेखर भारती गुरु महाराज की जै|