गुरुदेवता भजनमंजरी

भारतीतीर्थ सद्गुरुनि

घोषः

दक्षिणाम्नाय शृंगेरि शारदापीठ जगद्गुरु महाराज की जै|शृंगेरि जगद्गुरु विद्यारण्य गुरु महाराज की जै|जगद्गुरु नृसिंहभारती गुरु महाराज की जै|जगद्गुरु श्रीसच्चिदानंद शिवाभिनवनृसिंह भारती गुरु महाराज की जै|जगद्गुरु श्रीचंद्रशेखरभारती गुरु महाराज की जै|जगद्गुरु श्री अभिनव विद्या तीर्थ गुरु महाराज की जै|जगद्गुरु श्री भारतीतीर्थ गुरु महाराज की जै|जगद्गुरु श्री विधुशेखर भारती गुरु महाराज की जै|

श्लोकः

पिपतिषति यदीये
पादपद्मे शिरो मे
विवदिषति यदीयां
कीर्तिगाथां मुखं मे ।
जिगमिषति यदीयं
सद्म पादद्वयं मे
तमिह गुरुवरेण्यं
भारतीतीर्थमीडे ॥

कीर्तनम् — 11

रागः : मलयमारुतं

तालः : खंड चाप

भारतीतीर्थ सद्गुरुनि पूजिंपवे
सारहीनमुलैन माटलु त्यजिंपवे ||

सारमे लेनि संसारमंदुन ज्ञान-
सारमै दिगि वच्चे गुरुदेवुडिल मनसा ||

घोरमौ नरकादिदुःखमुल पडक
अपारमौ महिमगल गुरुपदमु विडक
विचारमुल मान्पि स्वविचारमुनु दॆल्पु
श्रीगौरीशाप्तुनि घनमौ चरित्रुनि ||

नामावलिः

भुवनगुरो जय सद्गुरुनाथ
भारती तीर्थ जगद्गुरुनाथ
करुणामूर्ति जगद्गुरुनाथ
दीनदयाळो पालय माम्

घोषः

दक्षिणाम्नाय शृंगेरि शारदापीठ जगद्गुरु महाराज की जै|शृंगेरि जगद्गुरु विद्यारण्य गुरु महाराज की जै|जगद्गुरु नृसिंहभारती गुरु महाराज की जै|जगद्गुरु श्रीसच्चिदानंद शिवाभिनवनृसिंह भारती गुरु महाराज की जै|जगद्गुरु श्रीचंद्रशेखरभारती गुरु महाराज की जै|जगद्गुरु श्री अभिनव विद्या तीर्थ गुरु महाराज की जै|जगद्गुरु श्री भारतीतीर्थ गुरु महाराज की जै|जगद्गुरु श्री विधुशेखर भारती गुरु महाराज की जै|