गुरुदेवता भजनमंजरी

वरगुरु भारतीतीर्थ

घोषः

दक्षिणाम्नाय शृंगेरि शारदापीठ जगद्गुरु महाराज की जै|शृंगेरि जगद्गुरु विद्यारण्य गुरु महाराज की जै|जगद्गुरु नृसिंहभारती गुरु महाराज की जै|जगद्गुरु श्रीसच्चिदानंद शिवाभिनवनृसिंह भारती गुरु महाराज की जै|जगद्गुरु श्रीचंद्रशेखरभारती गुरु महाराज की जै|जगद्गुरु श्री अभिनव विद्या तीर्थ गुरु महाराज की जै|जगद्गुरु श्री भारतीतीर्थ गुरु महाराज की जै|जगद्गुरु श्री विधुशेखर भारती गुरु महाराज की जै|

श्लोकः

भवपादांबुजासक्तं
भवनं गुणसंपदाम् ।
भवविच्छित्तये भक्त्या
भारतीतीर्थमाश्रये ॥

कीर्तनम् — 10

रागः : खरहरप्रिया

तालः : आदि

वरगुरु भारतीतीर्थर नंबिरुव
यारिगू बवणॆयु बारदु |
शारदॆगॆ नमिप वेद पारांगत
बीरुत करुणॆय हरसुवरु ऎंदू ||

शांकर दक्षिण पीठाधीशरु
शंकर रूपरु चिन्मयरु
सन्मति नीडुत मानव कुलकॆल्ला
उन्नति तोरुव पालकरु |

काषायांबर धरिसिह गुरुवर
भाषाज्ञानियू गुणनिधियू ||

विद्यातीर्थर करसंजातरु
विद्याविशारद श्रीयुतरु
भूसुर पूजित जनकोटि
वंदित नेसरकांतिय प्रभॆयवरु |

काषायांबर धरिसिह गुरुवर
भाषाज्ञानियू गुणनिधियू ||

नामावलिः

भारती स्वरूपरे भुवनगुरो गुरु-
भारतीतीर्थरे नन्न कायो
कारुण्य मेरुवॆ शृंगेरि गुरो
करुणा लेशव ननगू करुणिसो

घोषः

दक्षिणाम्नाय शृंगेरि शारदापीठ जगद्गुरु महाराज की जै|शृंगेरि जगद्गुरु विद्यारण्य गुरु महाराज की जै|जगद्गुरु नृसिंहभारती गुरु महाराज की जै|जगद्गुरु श्रीसच्चिदानंद शिवाभिनवनृसिंह भारती गुरु महाराज की जै|जगद्गुरु श्रीचंद्रशेखरभारती गुरु महाराज की जै|जगद्गुरु श्री अभिनव विद्या तीर्थ गुरु महाराज की जै|जगद्गुरु श्री भारतीतीर्थ गुरु महाराज की जै|जगद्गुरु श्री विधुशेखर भारती गुरु महाराज की जै|