गुरुदेवता भजनमंजरी

ऎष्टु करुणॆयो भक्तरोळ्

घोषः

दक्षिणाम्नाय शृंगेरि शारदापीठ जगद्गुरु महाराज की जै|शृंगेरि जगद्गुरु विद्यारण्य गुरु महाराज की जै|जगद्गुरु नृसिंहभारती गुरु महाराज की जै|जगद्गुरु श्रीसच्चिदानंद शिवाभिनवनृसिंह भारती गुरु महाराज की जै|जगद्गुरु श्रीचंद्रशेखरभारती गुरु महाराज की जै|जगद्गुरु श्री अभिनव विद्या तीर्थ गुरु महाराज की जै|जगद्गुरु श्री भारतीतीर्थ गुरु महाराज की जै|जगद्गुरु श्री विधुशेखर भारती गुरु महाराज की जै|

श्लोकः

शंकरदेशिकविरचितपीठा­धिपमालिकामहारत्नम् |
प्रणमामि चंद्रशेखरभारत्यभिधान­देशिकं हृदये ||

कीर्तनम् — 6

रागः : सहाना

तालः : तिसर एक

ऎष्टु करुणॆयो भक्तरोळ्
ऎष्टु प्रेमवो
निष्टनिर्मलरूप सद्गुरु
चंद्रशेखरभारतीशरिगॆ ||

चित्तशुद्धरागि बळिगॆ
नित्यसारि बरुव जनर
चित्तवरितु कृपॆय माळ्प
सत्यमूरुति गुरुवरेण्यरिगॆ ||

शुद्धब्रह्मज्ञानवॆंब अद्वैतामृत तत्त्वव
श्रद्धॆयिंद बोधॆमाडि सिद्धरागि मॆरॆयुवरिगॆ ||

भक्तिज्ञानदिंद निरुत युक्तकर्मगळनु गैदु
मुक्तिपथव तोरि जीवन्मुक्तरागि तोरुवरिगॆ ||

नामावलिः

श्रीचंद्रशेखरभारती
जगद्गुरो मम शरणं
नम्रहृत्तापहारक
विश्वगुरो मम शरणं
नतसंशयकृंतन
जगद्गुरो मम शरणं
श्रीचंद्रशेखरभारती
विश्वगुरो मम शरणं

घोषः

दक्षिणाम्नाय शृंगेरि शारदापीठ जगद्गुरु महाराज की जै|शृंगेरि जगद्गुरु विद्यारण्य गुरु महाराज की जै|जगद्गुरु नृसिंहभारती गुरु महाराज की जै|जगद्गुरु श्रीसच्चिदानंद शिवाभिनवनृसिंह भारती गुरु महाराज की जै|जगद्गुरु श्रीचंद्रशेखरभारती गुरु महाराज की जै|जगद्गुरु श्री अभिनव विद्या तीर्थ गुरु महाराज की जै|जगद्गुरु श्री भारतीतीर्थ गुरु महाराज की जै|जगद्गुरु श्री विधुशेखर भारती गुरु महाराज की जै|