गुरुदेवता भजनमंजरी

गुरुदत्तविभो श्रीशदयाळो

घोषः

अवधूत चिंतन श्रीगुरुदेव दत्त

श्लोकः

आदौ ब्रह्मा मध्ये विष्णु­रंते देवः सदाशिवः |
मूर्तित्रयस्वरूपाय
दत्तात्रेय नमोस्तुते |

कीर्तनम् — 1

गुरुदत्तविभो श्रीशदयाळो |
ऎरगुवॆनु यतीश महेश ||

भक्तरार्तिय कळॆदु श्रेष्ठपदविय |
कॊडुवियॆंब कीर्तिय | मूर्तिदेव ||

निन्न ध्यानव माळ्प नानु कष्टव |
पडुतलिहुदु माधव | उचितवेनो ||

ऎंदु मरणद भयव कळॆदु सौख्यदा |
पदव कॊडुवी मोक्षद | महाराजा ||

गाणगापुराधीश बा कृपाकरा |
श्रीपाद गुरुवरा | दयॆय तोरो ||

अत्रिऋषिसुत जगन्नाथ मत्पिता |
शिवानंदसुतनुत | भजक पोष ||

नामावलिः

दत्तात्रेय मम शरणं |
दत्तनाथ मम शरणं |
त्रिगुणात्मक त्रिगुणातीत
त्रिभुवन पालक मम शरणं |

शाश्वत मूर्ती मम शरणं |
श्याम सुंदर मम शरणं |
शेषाभरण शेषभूषण
शेषशायि मम शरणं |

षड्भुजमूर्ती मम शरणं |
षड्भुज यतिवर मम शरणं |
दंडकमंडलु गदापद्म
शंखचक्रधर मम शरणं |

घोषः

अवधूत चिंतन श्रीगुरुदेव दत्त