गुरुदेवता भजनमंजरी

योगि मनॆगॆ बंद

घोषः

अवधूत चिंतन श्रीगुरुदेव दत्त

श्लोकः

अनसूयासुतमीडे
वनसंचारप्रसक्तचेतस्कम् |
कनकप्रदाननिरतं
वनमालाभूषितग्रीवम् ||

कीर्तनम् — 2

रागः : मोहन

तालः : आदि

योगि मनॆगॆ बंद
श्री गुरुदेव मनॆगॆ बंद |
काललि पादुकॆ कैयलि दंड
बालरविय कळॆय ||

मस्तकदलि जटॆ शोभिसुतल्लि |
कस्तूरि तिलक चंदन हणॆयल्लि
विस्तर नगुमुखद ||

जोलुतिरलु कॊरळॊळु रुद्राक्ष |
जोळिगॆ बगललि त्रिलोक रक्ष
काषायांबरद ||

कुरुद्वीपदि कृष्णॆय तटदल्लि |
सरसदि वासिप श्रीपादयोगि
परमपुरुष नृहरि ||

भक्तकाम कल्पद्रुमनीत |
नित्यपूर्ण सच्चिदात्म दत्त
शंकर गुरुरूप ||

नामावलिः

दिगंबर दिगंबर श्रीपादवल्लभ दिगंबर |

घोषः

अवधूत चिंतन श्रीगुरुदेव दत्त