गुरुदेवता भजनमंजरी

जय जगदीश्वर

घोषः

जगदंबा शारदा माता की जै

श्लोकः

या कुंदेंदु-तुषार-हारधवला
या शुभ्र-वस्त्रान्विता
या वीणावरदंड-मंडितकरा
या श्वेतपद्मासना |
या ब्रह्माच्युत-शंकरप्रभृतिभि­र्देवैस्सदा पूजिता
सा मां पातु सरस्वती
भगवती निःशेषजाड्यापहा |

कीर्तनम् — 5

रागः : भागेश्वरि

तालः : आदि

जय जगदीश्वरि माता सरस्वति
शरणागत प्रतिपालनहारि
चंद्रबिंब सम वदन विराजे
शशिमुकुट मालागलधारि
वीणा वाम अंग मे शोभे
सामगीत ध्वनि मधुरप्यारि
श्वेतवसन कमलासन सुंदर
संग सखी शुभ हंससवारि
ब्रह्मानंद मे दास तुम्हारो
दे दर्शन पर ब्रह्मदुलारि

नामावलिः

चतुर्मुखभार्ये मां पाहि
वाणि सरस्वति वाग्देवि ||
अमले कमलासनसहिते
अद्भुतचरिते पालयमाम् ||
जय जय देवि दयालहरि
जननि सरस्वति पालयमाम् ||

घोषः

जगदंबा शारदा माता की जै