प्रति गुरुवारदंदु ई मुंदॆ निगदि पडिसिरुव क्रमदंतॆ भजनॆयन्नु माडुवुदु. (1) दीपज्वलनम्, (2) श्री गुरुवंदनम् (3) श्री गुरो पाहि मां, (4) भजनॆय महिमॆ, (5) घोषवाक्यगळु, (6) प्रार्थना श्लोकगळु (7) जगद्गुरु शंकर भगवत्पादर कीर्तनॆ, (8) शृंगेरि जगद्गुरु कीर्तनॆ, (9) कॆळगॆ कॊट्टिरुव सकल देवर नामावळि, (10) जगद्गुरु चरितॆ, (11) शंकराचार्य अष्टोत्तर शतनामावळि (12) आरति हाडुगळु (13) तत्त्वपदगळु (14) मंगळ श्लोकगळु (15) “शारदे पाहि मां शंकर रक्ष मां” ऎंब प्रार्थनॆयॊंदिगॆ भजनॆयन्नु मुक्तायगॊळिसुवुदु.
सकल देवर नामावळि
जय गणेश गजानन
गणनाथ पाहि माम्
श्री गणेश विनायक
विघ्नेश्वर रक्ष माम्
जय सरस्वति ब्रह्मपत्नि
विद्यादायिनि पाहि माम्
शारदांबॆ शृंगेरिवासिनि
श्रीचक्रनिलयॆ रक्ष माम्
जगद्गुरो शंकरगुरो
कारुण्यमूर्ते पाहि माम्
शंकराचार्य अद्वैतस्थापक
षण्मतस्थापक रक्ष माम्
दत्तात्रेय अत्रिनंदन
त्रिमूर्तिरूप पाहि माम्
दिगंबर श्रीपादवल्लभ
नृसिंहसरस्वति रक्ष माम्
जगद्गुरो शृंगेरिगुरो
दयासागर पाहि माम्
दक्षिणाम्नाय शारदापीठ
शंकराचार्य रक्ष माम्
सुब्रह्मण्य कार्तिकेय
शरवणभव पाहि माम्
देवसेनेश वल्लीनाथ
षण्मुखनाथ रक्ष माम्
सांबशिव मृत्युंजय
कैलासवास पाहि माम्
गौरीकांत गिरिजाकांत
भवानिशंकर रक्ष माम्
अंबभवानि विशालाक्षि
देविमीनाक्षि पाहि माम्
दुर्गादेवि काळिकांब
अंबभवानि रक्ष माम्
सीताराम कोदंडराम
पट्टाभिराम पाहि माम्
राधाकृष्ण रुक्मिणिकांत
गोपिवल्लभ रक्ष माम्
श्रीलक्ष्मी महालक्ष्मी
बाग्यलक्ष्मी पाहि माम्
वरलक्ष्मी जयलक्ष्मी
गजलक्ष्मी रक्ष माम्
हरिहररूप चैतन्यरूप
मोमारमण पाहि माम्
वॆंकटेश वैकुंटनाथ
सप्तगिरीश रक्ष माम्
नरसिंह प्रह्लादवरद
श्रीहरिरूप पाहि माम्
पांडुरंग पंढरिनाथ
रखुमायि विठ्ठल रक्ष माम्
स्वामियॆ अय्यप्प हरिहरसुत
शबरिगिरीश पाहि माम्
आंजनेय रामभक्त
रामदूत रक्ष माम्
शारदॆ पाहि मां शंकर रक्ष मां
शारदॆ पाहि मां शंकर रक्ष मां
विघ्नेश्वरादि समस्त
देवता मूर्ति की जै