गुरुदेवता भजनमंजरी

पाहि श्री नृसिंह पालिसो

घोषः

लक्ष्मीनरसिंह भगवान की जै | प्रह्लादवरदनिगॆ जै

श्लोकः

श्रीमत्पयोनिधिनिकेतन
चक्रपाणे
भोगींद्रभोगमणिरंजित
पुण्यमूर्ते |
योगीश शाश्वत शरण्य
भवाब्धिपोत
लक्ष्मीनृसिंह मम देहि
करावलंबम् ||

कीर्तनम् — 1

रागः : केदार

तालः : आदि

पाहि श्री नृसिंह पालिसो |
विहगेंद्र वाहन |
पाहि श्री नृसिंह पालिसॊ ||

लील जाल विशाल कलिमल |
शूल खलु गोपाल श्रीलोल |
यदुबाल वनमाल |
शिशुपाल कालनॆ | पाहिश्री ||

वेदनाद विनोद बोध |
यशोद मुद मधुराधिकाधिप |
यादव भूधव |
श्रीधव माधव | पाहिश्री ||

सिंधु मंदिरविंद बंधुर नंद |
कंद मुकुंद गोविंद |
इंदिरॆ बंध सनंदादि वंद्यनॆ |
पाहि श्री ||

वासुकीशय दोषनाश |
दिनेश शशि संकाश लक्ष्मीश |
वासव पोष दशावेशभूषनॆ |
पाहि श्री ||

श्री मनोमय सोम कोमल नाम |
श्यामल ललाम निस्सीम |
कामित धाम संग्रमादि भीमनॆ |
पाहि श्री ||

मंगलांग भुजंग भंग विहंग
तुंग तुरंग नीलांग |
रंगा अनंग सुसंगा कृपांगनॆ |
पाहि श्री ||

क्षीर वारि विहार सार विचार
धुर कंठीरव वीर
हार केयूर शृंगारालंकारने |
पाहिश्री ||

नामावलिः

जय नरसिंह श्री नरसिंह
लक्ष्मीनरसिंह
जय नरसिंह श्री नरसिंह
प्रह्लाद नरसिंह

घोषः

लक्ष्मीनरसिंह भगवान की जै | प्रह्लादवरदनिगॆ जै