महालक्ष्मी माता की जै
अंगं हरेः पुलक भूषणमाश्रयंती
भृंगांगनेव मुकुलाभरणं तमालम्
अंगीकृताखिलविभूतिरपांगलीला
मांगल्यदास्तु मम
मंगलदेवतायाः ||
रागः : केदारगौळ
तालः : त्रिपुट
बारॆ श्रीलक्ष्मीदेवी कारुण्यदी ||
घोर चिंतॆयॊळु
संसारि नानिरुवॆनॆ |
दारिद्र्य कॆट्टदु
यारु केळरु ताये ||
लोकदॊळिहॆ नानु
लोक मातॆयु नीनु |
याकॆ बळलिसुविये
साकिन्नु बेगने ||
हरि जायॆ नी ब्रह्म
बरहव तप्पि सि |
करुणदिंदॆनगीग
परमैश्वर्यव कॊडे ||
आनॆ कुदुरॆ सह
यानदि कुळितीग |
बा नन्न तायिये
नानारतिय माळ्पे ||
पल्लक्कि इळिदु बा
मॆल्लनी मनॆयोळु |
फुल्ल लोचनॆये नी
निल्ली कूडे ताये ||
इंदिरॆ नीदयदिंद
बंदिया देवी |
इंदु पूजिपॆ
शिवानंदन जायॆये ||
लक्ष्मी मां पाहि
महालक्ष्मी मां पाहि
लक्ष्मी मां पाहि
वरलक्ष्मी मां पाहि
लक्ष्मी मां पाहि
जयलक्ष्मी मां पाहि
लक्ष्मी मां पाहि
भाग्यलक्ष्मी मां पाहि
महालक्ष्मी माता की जै