गुरुदेवता भजनमंजरी

सुब्रह्मण्यं सदा वंदे

घोषः

वल्लीदेवसेना समेत सुब्रमण्य स्वामी की जै

श्लोकः

सुब्रह्मण्यं देवसेनाधिनाथं
सुत्रामाद्यैरादितेयैस्समीड्यं ।
गौरीपुत्रं गर्वितेंद्रारिकालं
वंदे भक्त्या वांछितार्थस्य सिद्ध्यै ॥

कीर्तनम् — 1

रागः : षण्मुखप्रिया

तालः : आदि

सुब्रह्मण्यं सदा वंदे
चिंतितसकलेष्टदानदीक्षं तम् |

दुष्टदैत्यविनाशनं
देवसेनानायकम्
दीनरक्षणतत्परं
दयापारावारम् ||

भवभीतिनिवारणं
भवानीप्रियतनयम्
भुक्तिमुक्तिफलप्रदं
भारतीतीर्थसेवितम् ||

नामावलिः

सुब्रह्मण्यं सुब्रह्मण्यं!
षण्मुखनाथ सुब्रह्मण्यं!
हरहर शिवशिव सुब्रह्मण्यं!
भज भज हर हर सुब्रह्मण्यं!
नागरूपधर सुब्रह्मण्यं!
नागदोषहर सुब्रह्मण्यं!
नादविलोल सुब्रह्मण्यं!
भज भज हर हर सुब्रह्मण्यं! ||

पार्वति नंदन सुब्रह्मण्यं!
पावनरूप सुब्रह्मण्यं!
ज्ञान प्रदीप सुब्रह्मण्यं!
भज भज हर हर सुब्रह्मण्यं! ||

सुरकुल श्रेष्ठ सुब्रह्मण्यं!
नरकुल दीपं सुब्रह्मण्यं!
वरगुण शीलं सुब्रह्मण्यं!
भज भज हर हर सुब्रह्मण्यं! ||

वल्लि मनोहर सुब्रह्मण्यं!
वरदयाकार सुब्रह्मण्यं!
वल्मीक वासनॆ सुब्रह्मण्यं!
भज भज हर हर सुब्रह्मण्यं! ||

मयूर वाहन सुब्रह्मण्यं!
केयूर हार सुब्रह्मण्यं!
सिंधूर तिलक विराजित वेल!
भज भज हर हर सुब्रह्मण्यं!

कार्तिकेय सुब्रह्मण्यं!
कीर्तन प्रिय सुब्रह्मण्यं!
षण्मुखप्रियनॆ सुब्रह्मण्यं!
भज भज हर हर सुब्रह्मण्यं! ||

घोषः

वल्लीदेवसेना समेत सुब्रमण्य स्वामी की जै