गुरुदेवता भजनमंजरी

श्रीवल्लीदेवसेनापते

घोषः

वल्लीदेवसेना समेत सुब्रमण्य स्वामी की जै

श्लोकः

कुमारेशसूनो गुह स्कंद सेना-
पते शक्तिपाणे मयूराधिरूढ |
पुलिंदात्मजाकांत भक्तार्तिहारिन्
प्रभो तारकारे सदा रक्ष मां त्वम् ||

कीर्तनम् — 2

रागः : नटभैरवि

तालः : आदि

श्रीवल्लीदेवसेनापते
श्रीसुब्रह्मण्य नमोस्तुते

देवतासार्वभौम जय जय
द्विषड्भुजकार्तिकेय अमेय

मामव सदा शिवकुमार
विमानीकृतचित्रमयूर
श्रितकामितफलदायक हतशूर
करुणाजलधर जगदाधार

नामावलिः

षण्मुखनाथ षण्मुखनाथ
शरवणभवगुह षण्मुखनाथ
श्रीशरवणभव षण्मुखनाथ
शिवशरवणभव षण्मुखनाथ
शिवशरवणभव षण्मुखनाथ
गुहशरवणभव षण्मुखनाथ
गुहशरवणभव षण्मुखनाथ
गुरुशरवणभव षण्मुखनाथ

घोषः

वल्लीदेवसेना समेत सुब्रमण्य स्वामी की जै