गुरुदेवता भजनमंजरी

जय जनार्दन कृष्ण राधिकापते

घोषः

गोपिका जीवन स्मरणं गोविंद गोविंद

श्लोकः

कृष्णाय वासुदेवाय
देवकीनंदनाय च |
नंदगोपकुमाराय
गोविंदाय नमो नमः ||

कीर्तनम् — 5

रागः : कुरंजि

तालः : आदि तिस्र गति

जय जनार्दन कृष्ण राधिकापते
जन विमोचन कृष्ण जन्म मोचन
गरुड वाहन कृष्ण गोपिका पते
नयन मोहन कृष्ण नीरजेक्षण

सुजन बांधव कृष्ण सुंदराकृतॆ
मदन कोमल कृष्ण माधव हरे
वसुमती पते कृष्ण वासवानुज
वरगुणाकर कृष्ण वैष्णवाकृतॆ

सुरुचिरानन कृष्ण शौर्यवारिधे
मुरहर विभो कृष्ण मुक्तिदायक
विमलपालक कृष्ण वल्लभीपते
कमललोचना कृष्ण काम्यदायक

विमलगात्रने कृष्ण भक्तवत्सल
चरण पल्लवं कृष्ण करुण कोमलं
कुवलैयैक्षण कृष्ण कोमलाकृतॆ
तव पदांबुजं कृष्ण शरणमाश्रयॆ

भुवन नायक कृष्ण पावनाकृतॆ
गुणगणोज्वला कृष्ण नळिनलोचन
प्रणयवारिधॆ कृष्ण गुणगणाकर
दामसोदर कृष्ण दीन वत्सल

कामसुंदर कृष्ण पाहि सर्वदा
नरकनाशन कृष्ण नरसहायक
देवकीसुत कृष्ण कारुण्यांभुदे
कंसनाशन कृष्ण द्वारकास्थित

पावनात्मक कृष्ण देहि मंगळं
त्वत् पदांबुजं कृष्ण श्याम कोमलं
भक्तवत्सल कृष्ण काम्यदायक
पालिसॆन्ननू कृष्ण श्रीहरि नमो

भक्तदासन कृष्ण हरसु नी सदा
कादु निंतॆना कृष्ण सलहॆया विभो
गरुड वाहन कृष्ण गोपिका पते
नयन मोहन कृष्ण नीरजेक्षण

नामावलिः

वनमालि वासुदेव
जगन्मोहन राधारमण
शशिवदन सरसिजनयन
जगन्मोहन राधारमण

घोषः

गोपिका जीवन स्मरणं गोविंद गोविंद