गुरुदेवता भजनमंजरी

राम राम राम सीता

घोषः

जानकी कांत स्मरणं जय जय राम राम

श्लोकः

नमः सतां शरण्याय
जगन्मंगलमूर्तये ।
सीताकांताय रामाय
पवित्राद्भुतकीर्तये ॥

कीर्तनम् — 9

राम राम राम
सीता राम राम अन्निरि
रामस्मरणॆय हॊरतु
काल व्यर्थ कळॆयबेडिरि

स्नानसंध्या नित्यनेम
जपवतपव माडिरि
सायोसंकट बंदरू
पर-धर्म हिडियबेडिरि

तंदॆ तायि बंधु बळग
मिथ्यवॆंदु तिळियिरि
नंदु नानॆंदॆंब मोहव
बिट्टु रामन भजिसिरि

काम क्रोध मोह बिट्टु
मनसु जळजळमादिरि
कायवाच मनसिनिंद
गुरुविगॆ शरण्होगिरि

पररनारि पररद्रव्य
नरकवॆंदु तिळियिरि
चिंतॆयिल्लदॆ रामन
चिंतिसि जनन मरण नीगिरि

भक्तिभावदिंद सद्गुरु
हरियु हरनॆंदरियिरि
गुरुविनप्पणॆयंतॆ नडॆदरॆ
मुक्तियॆंदु तिळियिरि

दिवसरात्रॆ साधुसंतर
संघवन्ने बयसिरि
ब्रह्मानंदरु सारिहेळुव
रामनामव जपिसिरि

नामावलिः

अयोध्यवासि राम राम
दशरथनंदन राम राम
जानकिजीवन पतित पावन
सीता राम राम

घोषः

जानकी कांत स्मरणं जय जय राम राम