गुरुदेवता भजनमंजरी

कौसल्यासुत - कुशिकात्मजमखरक्षणदीक्षित

घोषः

जानकी कांत स्मरणं जय जय राम राम

श्लोकः

महारत्नपीठे शुभे कल्पमूले
सुखासीनमादित्यकोटिप्रकाशम्
सदा जानकीलक्ष्मणोपेतमेकं
सदा रामचंद्रं भजेहं भजेहम् ||

कीर्तनम् — 7

रागः : नादनामक्रिया

तालः : आदि

कौसल्यासुत - कुशिकात्मजमख­रक्षणदीक्षित - राम ।
मामुद्धर - शरणागतरक्षक - रविकुलदीपक - राम ॥

दशरथनंदन - दितिसुतखंडन - दीनजनावन - राम ।
पुरहरकार्मुकविदलनपंडित - पुरुषोत्तम - रघुराम ॥

खरदूषणमुखदितिसुतकानन­दावानलनिभ - राम ।
शबरीगुहमुखभक्तवरार्चितपादांभोरुह - राम ॥

वालिप्रमथन - वातात्मजमुख­कपिवरसेवित - राम ।
वासवविधिमुखसुरवरसंस्तुत - वारिजलोचन राम ॥

दशकंधरमुखदानवमर्दन - रक्षितभुवन - राम ।
सीतानायक - शीघ्रवरप्रद - सर्वजगन्नुत - राम ॥

भर्मविभूषणभूषितविग्रह - भाधीशानन - राम ।
भक्तभारतीतीर्थसुसेवित - भद्रगिरीश्वर - राम ॥

नामावलिः

श्रीराम् जय राम्
जय जय राम्
श्रीराम् जय राम्
सीता राम्
दशरथनंदन राम् राम्
दशमुखमर्दन राम् राम्
रामभद्राचल राम राम्
जानकिजीवन राम् राम्
श्रीराम् जय राम्
जय जय राम्
श्रीराम् जय राम्
सीता राम्

घोषः

जानकी कांत स्मरणं जय जय राम राम