गुरुदेवता भजनमंजरी

जय देव जय देव जय श्रीगुरुमूर्ते

घोषः

दक्षिणाम्नाय शृंगेरि शारदापीठ जगद्गुरु महाराज की जै|शृंगेरि जगद्गुरु विद्यारण्य गुरु महाराज की जै|जगद्गुरु नृसिंहभारती गुरु महाराज की जै|जगद्गुरु श्रीसच्चिदानंद शिवाभिनवनृसिंह भारती गुरु महाराज की जै|जगद्गुरु श्रीचंद्रशेखरभारती गुरु महाराज की जै|जगद्गुरु श्री अभिनव विद्या तीर्थ गुरु महाराज की जै|जगद्गुरु श्री भारतीतीर्थ गुरु महाराज की जै|जगद्गुरु श्री विधुशेखर भारती गुरु महाराज की जै|

श्लोकः

अखिलानुग्रहदीक्षं
निखिलतमःपुंज-निग्रहे दक्षम् |
अभिनवविद्यातीर्थं
हंसावलि-सेवितं वंदे ||

कीर्तनम् — 8

रागः : कुरंजि

तालः : आदि तिस्र गति

जय देव जय देव
जय श्रीगुरुमूर्ते
जय श्रीगुरुमूर्ते |
शृंगेरीपुरवास अभिनवविद्यातीर्थ
जय देव जय देव ||

शंकरगुरुवरबोधित
अद्वैतामृतवर्षिन्
आश्रितजनसंरक्षक अतिदिव्यचरित

शशिशेखरभारतीगुरु­प्रिय अंतेवासिन्
सततं गुरुपदपूजक
शिवशांतरूप

श्रीविद्याजपनिरत श्रीविद्यादायिन्
श्रीचक्रार्चनतत्पर श्रीसद्गुरुरूप

विदिताखिलशास्त्रार्थ विगताखिलदोष
श्रीमद्भारतीतीर्थहृत्कमलनिवास

नामावलिः

जगद्गुरो जय जगद्गुरो
शंकरभगवत्पाद जगद्गुरो
जगद्गुरो जय जगद्गुरो
चतुर्मठस्थापक जगद्गुरो
जगद्गुरो जय जगद्गुरो
शृंगगिरीश जगद्गुरो
जगद्गुरो जय जगद्गुरो
सुरेश्वराचार्य जगद्गुरो
जगद्गुरो जय जगद्गुरो
विद्यातीर्थ जगद्गुरो
जगद्गुरो जय जगद्गुरो
विद्यारण्य जगद्गुरो
जगद्गुरो जय जगद्गुरो
नृसिंहभारती जगद्गुरो
जगद्गुरो जय जगद्गुरो
चंद्रशेखरभारती जगद्गुरो
जगद्गुरो जय जगद्गुरो
अभिनवविद्यातीर्थ जगद्गुरो
जगद्गुरो जय जगद्गुरो
श्रीभारतीतीर्थ जगद्गुरो
जगद्गुरो जय जगद्गुरो
विधुशेखरभारती जगद्गुरो
जगद्गुरो जय जगद्गुरो
शृंगगिरीश जगद्गुरो

घोषः

दक्षिणाम्नाय शृंगेरि शारदापीठ जगद्गुरु महाराज की जै|शृंगेरि जगद्गुरु विद्यारण्य गुरु महाराज की जै|जगद्गुरु नृसिंहभारती गुरु महाराज की जै|जगद्गुरु श्रीसच्चिदानंद शिवाभिनवनृसिंह भारती गुरु महाराज की जै|जगद्गुरु श्रीचंद्रशेखरभारती गुरु महाराज की जै|जगद्गुरु श्री अभिनव विद्या तीर्थ गुरु महाराज की जै|जगद्गुरु श्री भारतीतीर्थ गुरु महाराज की जै|जगद्गुरु श्री विधुशेखर भारती गुरु महाराज की जै|