गुरुदेवता भजनमंजरी

शरणु विद्यारण्य

घोषः

दक्षिणाम्नाय शृंगेरि शारदापीठ जगद्गुरु महाराज की जै|शृंगेरि जगद्गुरु विद्यारण्य गुरु महाराज की जै|जगद्गुरु नृसिंहभारती गुरु महाराज की जै|जगद्गुरु श्रीसच्चिदानंद शिवाभिनवनृसिंह भारती गुरु महाराज की जै|जगद्गुरु श्रीचंद्रशेखरभारती गुरु महाराज की जै|जगद्गुरु श्री अभिनव विद्या तीर्थ गुरु महाराज की जै|जगद्गुरु श्री भारतीतीर्थ गुरु महाराज की जै|जगद्गुरु श्री विधुशेखर भारती गुरु महाराज की जै|

श्लोकः

विद्यानगरनिर्माण­विद्याशतविशारदः ।
विद्यारण्यमहायोगी
तस्मै श्रीगुरवे नमः ॥

कीर्तनम् — 2

शरणु विद्यारण्य यतिवर
शरणु नतजनरक्षक
शरणु शारदापीठदधिपरॆ
शरणु धर्मोद्धारक

बाल्यदल्लिये शृंगगिरियलि
योगि विद्यातीर्थर
करांबुजसंजातरादिरि
तॊरॆदु लोकद बंधव

तॆरळि काशिगॆ तपव माडुत
विद्यॆ बॆळकनु पसरिसि
मरळि बंदिरि लोकसंग्रह
कार्यकागियॆ दयदलि

गुरुगळाणतियिंद धर्मद
रक्षॆगागियॆ राज्यव
विजयनगरदि स्थापिसुत्तलि
जनर हितवनु काय्दिरि

राज्यपालनॆगागि चिन्नद
मळॆय सुरिसिद वंद्यरे
हक्क बुक्कर राजरागिसि
इह विरक्तिय मॆरॆदिरि

वेदभाष्यव रचिसि लोककॆ
तत्त्वमार्गव बोधिसि
पंचदशि मॊदलाद उत्तम
ग्रंथराशिय निर्मिसि

जगद गुरु श्री शंकरार्यर
निजचरित्रॆय विरचिसि
जनगळज्ञानवनु नीगिसि
लोकपूज्यतॆ पडॆदिरि

देशदॆल्लॆडॆ धर्मज्योतिय बॆळगि
महिमॆय सारुत
शृंगगिरियद्वैतपीठदि
मॆरॆद यतिवर, नमिसुत

शरणु बंदिह मूर्खभक्तन
सलहिरॆन्नुत बेडुत
निम्म स्तुतियनु भक्तियिंदलि
माडि चरणकॆ वंदिपॆ

नामावलिः

जगद्वंद्य जगद्गुरो
विद्यारण्य गुरुनाथ
विद्यारण्य गुरुनाथ
धर्मरक्षक गुरुनाथ
धर्मरक्षक गुरुनाथ
शास्त्रपोषक गुरुनाथ
शास्त्रपोषक गुरुनाथ
ज्ञानदायक गुरुनाथ

घोषः

दक्षिणाम्नाय शृंगेरि शारदापीठ जगद्गुरु महाराज की जै|शृंगेरि जगद्गुरु विद्यारण्य गुरु महाराज की जै|जगद्गुरु नृसिंहभारती गुरु महाराज की जै|जगद्गुरु श्रीसच्चिदानंद शिवाभिनवनृसिंह भारती गुरु महाराज की जै|जगद्गुरु श्रीचंद्रशेखरभारती गुरु महाराज की जै|जगद्गुरु श्री अभिनव विद्या तीर्थ गुरु महाराज की जै|जगद्गुरु श्री भारतीतीर्थ गुरु महाराज की जै|जगद्गुरु श्री विधुशेखर भारती गुरु महाराज की जै|