गुरुदेवता भजनमंजरी

जगद्गुरो जय जगद्गुरो शंकर

जगद्गुरो जय जगद्गुरो
शंकर देशिक जगद्गुरो |
निन्नय चरितॆय पाडुवॆ नानु
पालिसु नन्ननु जगद्गुरो ||

लोकदि अवैदिक मतगळ खंडिसि
धर्मव स्थापिसबेकॆंब |
देवदेवर प्रार्थनॆगॊप्पिदॆ
दक्षिणामूर्तियॆ जगद्गुरो ||1||
परम नीनादरू मानवनंतॆ
धर्मद रक्षणॆ माडलु |
त्यजिसि कैलासव मौनव बिट्टु
धरॆगवतरिसिदॆ जगद्गुरो ||2||

कालटियॆंब ग्रामवु निन्नय
पादद मॊदलनॆ स्पर्शवनु |
पडॆदु पवित्रतॆ हॊंदितु बॆळगितु
विश्वपालक जगद्गुरो ||3||
शिवगुरु आर्यांबॆ पुण्य दंपति
माडिद तपवनु मॆच्चुतलि |
वैशाखशुक्ल पंचमि दिनदि
जन्मवनॆत्तिदॆ जगद्गुरो ||4||

ऎल्ला तिळिदवनादरु नीनु
मत्तॆ तिळियुव नाटकगैदॆ |
मॊदल वर्षवे भाषॆगळॆल्लव
कलित महिम नी जगद्गुरो ||5||
पंचमवरुषदि उपवीतव
नी धरिसिदॆ नाल्कू वेदगळ |
ऎंटनॆ वयसलि कंठदि धरिसिदॆ
वेदरक्षक जगद्गुरो ||6||

भिक्षॆय बेडुत दीनळु दैन्यदि
नीडिद नॆल्लिय कायियनु |
सेविसि स्वर्णद वृष्टियगैदॆ
कुबेरमित्रनॆ जगद्गुरो ||7||
जळककॆ तॆरळि बिसिललि बळलि
इळॆयलि उरुळिद मातृविन |
जळककॆ नदियनु मनॆगे तरिसिद
गंगाधर नी जगद्गुरो ||8||

पूर्णानदियलि मॊसळॆयु पादव
पिडिदिह नॆपदलि तायियनु |
ऒप्पिसि संन्यासकॆ अप्पणॆ पडॆदॆ
सत्यस्वरूपनॆ जगद्गुरो ||9||
इंद्रादिगळिगू अप्पणॆ माडुव
ईशनॆ नीनु मानुषदि |
जननिय अप्पणॆ पडॆयुव रूपदि
मार्गव तोरिदॆ जगद्गुरो ||10||

ऎल्लव त्यजिसि क्रमसंन्यासकॆ गुरुगळ
हुडुकुत धैर्यदलि |
नर्मदॆ तीरदि गुहॆयलि कंडॆ
गुरु गोविंदर जगद्गुरो ||11||
गुरुगळ पादद सेवॆय गैयुत
कलितिहॆ ऎल्ल विद्यॆयनु |
निनगॆ नीनॆ साटियु जगदी
विद्यॆगळॊडॆय जगद्गुरो ||12||

नर्मदॆनदिय रभसव तडॆदॆ
बळसियॆ निन्नय कमंडलु |
संसृतिसागर दाटिद निनगॆ
हॆच्चिनदेनिदॆ जगद्गुरो ||13||
गुरुवाणतियॊळु काशिय सेरिदॆ
शिष्यर संग्रह माडुतलि |
विश्वेश्वरन अप्पणॆ पडॆदु भाष्यव
रचिसिदॆ जगद्गुरो ||14||

सौंदर्यलहरी मॊदलागिरुतिह
नानारूपद स्तोत्रगळ |
रचिसिदॆ नीनु नम्मलि दयॆयनु
तोरिसलोसुग जगद्गुरो ||15||
जेने सिहियु कब्बे सिहियु
ऎन्नुत यावनु पेळुवनो |
अवनॆ निन्नय स्तोत्रद रुचिय
सवियदॆ होदव जगद्गुरो ||16||

भाष्यद पाठव गैयुतलिरलु
सनिहकॆ व्यासरु बंदॊम्मॆ |
केळलु प्रश्नॆगळनुपमदुत्तर
नीडिद महिमनॆ जगद्गुरो ||17||
तम्म मनोगत भाष्यदि कंडु
आचंद्रार्कवु भाष्यविदु |
बॆळगलि ऎंदु हरसिद व्यासर
प्रीतिय पात्रनॆ जगद्गुरो ||18||

दुष्ट मतगळ खंडनॆगैद
कुमारिलभट्टपादरिगॆ |
अंतिम क्षणदि दरुशन नीडि
पावनगॊळिसिद जगद्गुरो ||19||
मंडनरॆंब कर्मठरन्नु
वाददि गॆलिदु मोददलि |
शिष्यपरिग्रह माडि अवरिगॆ
संन्यास नीडिद जगद्गुरो ||20||

परमविरागि नी कापालिकन
कोरिकॆयंतॆ शिरवनु नीडलु |
ऒप्पिदॆयादरू नरसिंहकावल
शिष्यनोळ् पडॆदॆ जगद्गुरो ||21||
शृंगगिरियलि कप्पॆगॆ नॆरळनु
नीडुतलिरुव सर्पवनु |
वीक्षिसि अल्लॆ मॊदलनॆ पीठव
स्थापनॆगैदॆ जगद्गुरो ||22||

यंत्रराजदलि शारदा मातॆय
सान्निध्यवनु नॆलॆगॊळिसि |
आकॆय अर्चनॆगैदॆ महात्मनॆ
शारदापूजक जगद्गुरो ||23||
मूवत्तॆरॆडु वर्षद अवधिय
निन्नय जीवन कालदलि |
अनेक वर्ष शृंगगिरियलि
पाठवगैदॆ जगद्गुरो ||24||

तोटक गुरुविगॆ ज्ञानवनॆल्लव
ऒम्मॆये नीडि पालिसिदॆ |
निन्निंदागदु ऎंबुदु लोकदि
इल्लवे इल्ल जगद्गुरो ||25||
कॊट्ट मातिगॆ तप्पदॆ नीनु
तायिय अंतिमकालदलि |
बळियलि इद्दु विष्णुलोकव
दॊरकिसिकॊट्टिहॆ जगद्गुरो ||26||

शृंगेरि बदरि पुरी द्वारकॆ
नाल्कु आम्नाय पीठगळ |
स्थापनॆगैदॆ नाल्कु दिक्कलि
चतुर्मठस्थापक जगद्गुरो ||27||
सुरेश्वर तोटक हस्तामलक
पद्मपाद यतिवरर |
नाल्कु पीठकॆ गुरुगळगैदॆ
यतिगळ ऒडॆय जगद्गुरो ||28||

केरळ राजनु निन्नय बळियलि
तन्नय नाटक नाशवनु |
पेळलु मत्तॆ अवनिगॆ अवुगळ
नुडिदु तिळिसिदॆ जगद्गुरो ||29||
गौडपादरा दर्शिसि नीनु
निन्नय भाष्यव तोरिसुत |
परमगुरुगळ तुष्टिय नोडि
तोषव पट्टॆ जगद्गुरो ||30||

काश्मीरकॆ तॆरळि वादिश्रेष्ठर
निन्नय वाददि गॆल्लुतलि |
सर्वज्ञपीठकॆ शोभॆय तंदॆ
नम्मय तंदॆ जगद्गुरो ||31||
निन्नय धामव हॊंदलु
बयसि तलुपुत नी केदारवनु |
अंतर्धानव हॊंदिदॆ शिवने
अद्वैतस्थापक जगद्गुरो ||32||

तंदॆयु नीने तायियु नीने
नीने नन्नय दैववु
निन्ननु बिट्टु गति इन्यारो
नीनॆ हेळो जगद्गुरो |
निन्ननु बिट्टु बेरे गुरुवनु
कनसलु नॆनॆयॆनु ऒम्मॆयू
नीने नन्नय हृदयदि इरलु
यारिंदेनो जगद्गुरो ||

नन्नय कण्णलि जनिसिद जलवू
ऎदॆया तलुपुव मुन्नवे
नन्नय शोकव हरिसो हरनॆ
दीनर बंधुवे जगद्गुरो |
निन्नय मूर्तिय नोडुत
हाडुत हृदयदि प्रीतिय माडुतलि
कण्णलि तोषद बाष्पव सुरिसुव
नन्ननु हरसो जगद्गुरो ||