जानकी कांत स्मरणं जय जय राम राम
सदा राम रामेति रामामृतं ते
सदाराममानंदनिष्यंदकंदम् |
पिबन्नन्वहं नन्वहं नैव मृत्योः
बिभेमि प्रसादादसादात्तवैव ||
रागः : चारुकेशी
तालः : आदि
खाते भी राम कहो
पीते भी राम कहो
सोते भी राम कहो
राम राम राम
राम राम राम
राम राम राम
राम राम राम
राम् राम् राम् ||
उठते भी राम कहो
फिरते भी राम कहो
गिर ते भी राम कहो
राम राम राम ||
पढते भी राम कहो
लिखते भी राम कहो
सुनते भी राम कहो
राम राम राम ||
खेलते भी राम कहो
जीत ते भी राम कहो
हार ते भी राम कहो
राम राम राम ||
हस ते भी राम कहो
रो ते भी राम कहो
मर ते भी राम कहो
राम राम राम ||
राम राम राम
राम राम राम
राम राम राम
राम् राम् राम्
जानकी कांत स्मरणं जय जय राम राम